डिप्रेशन या अवसाद जीवन का अन्त नहीं





दुनिया को अपना हंसता हुआ चेहरा दिखाने वाला शक्स अन्दर ही अन्दर कितना टूटा हुआ होता है, यह किसी को नहीं पता होता । ऐसा ही कुछ सुशांत सिंह राजपूत के साथ भी हुआ ।

हाल ही में सुशांत सिंह के सुसाइड ने सभी को स्तब्ध कर दिया है और एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कौन सी ऐसी वजह थी, जिसके कारण उन्हें इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा । सुसाइड करना या इसके पीछे के कारण को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि कोई ऐसे ही सुसाइड नहीं करता है । सुसाइड के पीछे बहुत लंबा डिप्रेशन होता है । इंसान का अकेलापन होता है, वह अकेलापन जो वो किसी के साथ बांट नहीं सकता, बता नहीं सकता । वह कैसा फील करता है, वह दिखा नहीं सकता ।  किसी के अंदर क्या चल रहा है इसे समझने के लिए आपको उस इंसान के अंदर झांक कर देखना पड़ेगा । उसे सुनना पड़ेगा और सुनने के लिए बहुत पेसेंस चाहिए होता है, यानी अगर आपको उस व्यक्ति को समझना है, तो आपको पहले उनकी सारी बातें सुननी पड़ेगी, वह आपको हजार बातें बताएंगा और उन बातों में से आपको उनके अंदर तक जो दर्द है, उसको समझना पड़ेगा । कहने में बड़ा आसान है कि किसी के दर्द को सुनकर समझों, लेकिन ये इतना आसान नहीं है । कोई भी इंसान अपने अंदर के डर को जाहिर करने से घबराता है । हम सब फिजिकल हेल्थ से लेकर अपने कैरियर की बात करते हैं । मोटे तौर पर हम हर उस चीज के बारे में बात करते हैं, जो दिखती है, हम उसके बारे में बात नहीं करते जो दिखती नहीं है । मेंटल हेल्थ कुछ ऐसा टॉपिक है, जिसको हमारे समाज में अब भी वो तवज्जो नहीं दी जाती हैं, क्योकि वो दिखाई नहीं देता लोगो को । सबसे दुखद बात तो यह है कि जिस इंसान को डिप्रेशन हो रहा होता है, वह बहुत दर्द से गुजर रहा होता है । 
    यूं तो हम सभी जीवन में थोड़े समय के लिए किसी न किसी वजह से चिन्तित रहते है, लेकिन डिप्रेशन या अवसाद नाखुश होने से ज्यादा लंबा, गहरा और दुखद होता है । इसकी वजह से लोग जिंदगी से दूर जाने लगते है । उनका मन भी रोज के कामों में नहीं लगता है और कभी-2 तो वो आत्महत्या जैसा गलत कदम तक उठा लेते है । ऐसे में अगर आपको तनिक सा भी लगता है कि वह इंसान इस तरह के दौर से गुजर रहा है, तो उस इंसान से संपर्क कर उसकी मदद करें । इस तरह से एक जिंदगी बच सकती है ।

अवसाद क्या है ?

अवसाद के बारे में अब तक कोई स्पष्ट रूप से नहीं बता पाया है कि यह किस कारण से होता है ।
P.C : Google 
जीवन में कई बार ऐसी स्थिति आती है
, जब हम पूरी तरह से टूट जाते है । उसमें कई चीज़ों की अहम भूमिका होती है।
हमारे जीवन के कई महत्वपूर्ण पड़ाव जैसे- किसी करीबी की मौतब्रेकअप, नौकरी का चले जाना या शादी का टूट जाना आदि अवसाद के कारण है । साथ ही जीवन की विपरीत परिस्थितियों में भी अवसाद में जाने का खतरा बढ़ जाता है। डिप्रेशन में लोगों की सोच नकारात्मक हो जाती हैं, जैसे "मैं हर काम में असफल रहता हूं ।"

अवसाद किसे हो सकता है?

डिप्रेशन या अवसाद किसी को भी हो सकता है । मुझे और आपको भी । कुछ रिसर्च के मुताबिक, यह आनुवांशिक वजह से भी हो सकता है । ऐसे में अवसाद में जाने की संभावना अधिक रहती है ।

P.C : Google

डिप्रेशन या अवसाद के लक्षण :

1.       किसी भी काम या चीज़ में मन नहीं लगना ।
2.       किसी बात से खुशी और गम न होना अवसाद की निशानी है ।
3.       हर समय नकारात्मक सोच होना कि अब कुछ अच्छा नहीं होगा या सब खत्म हो गया है ।
4.       इसके अन्य लक्षणों में नींद न आना या बहुत नींद आना, रात को अचानक नींद खुल जाना ।

डिप्रेशन को कैसे करें कम :
आर्ट थेरेपी ( P.C : Mandvi Bajpayee) 

1.       नींद को नियमित रखना ।
2.       अच्छा खाना खाएं और समय पर खाना खाएं ।
3.       तनाव कम करने का प्रयास करे । इसके लिए आप कुछ क्रिएटिव वर्क या आर्ट थेरेपी का सहारा ले सकतें है।
4.       महत्वाकांक्षा को हद से ज्यादा न बढ़ने दे ।
5.       अपने परिवार और मित्रों के साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करें 
6.       अपने कामों में खुद को व्यस्त रखें 
7.       हमेंशा खुश रहने की कोशिश करें ।
8.       सकरात्मक सोच रखें । इसके लिए आप मोटिवेशनल वीडियो और बुक्स पढ़ सकते हैं 


                                                                                                                            :  रीतिका  शुक्ला 



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