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Showing posts from May, 2017

कथक के स्वरुप को मरने से बचाना होगा : कांतिका मिश्रा

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कांतिका, ये नाम जब पहली बार सुना तो सबसे पहले मन में यही सवाल आया की आखिर इस नाम का मतलब क्या है। ये भी पता चला की ये एक कथक  नृत्यांगना हैं। मन में ख्याल आया  कि कोई उम्रदराज़ महिला होंगी कुछ पके हुए अनुभवों वाली। लेकिन जब मुलाक़ात हुई तो मेरे ये सारे पूर्वाग्रह धरे के धरे रह गए। वास्तव में कांतिका एक युवा नृत्यांगना हैं जो कत्थक को एक नई  ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रयासरत हैं। अपने ब्लॉग के सिलसिले में  कांतिका से हुई ये मुलाक़ात बेहद रोचक और अर्थपूर्ण रही। अपनी पूरी बातचीत के दौरान हमने पाया की कांतिका  ऊर्जा, प्रतिभा और ज्ञान  से भरी हुई एक ऐसी युवा  नृत्यांगना हैं जो  सिर्फ नृत्य ही नहीं करती हैं बल्कि समाज जीवन और कला के विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरूक भी हैं -   कांतिका सबसे पहले तो आप हमें अपने नाम का मतलब बताइये।   मुझे अपना नाम हमेशा से ही बिलकुल अलग लगता था। मैं अक्सर सोचती थी की आखिर मेरे नाम का मतलब है क्या। जब मैंने अपने घर में सबसे जाने की कोशिश की तो सबने यही बताया की काँति  क...

गाथा अजरक प्रिंट की .....

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रीतिका शुक्ला  आज हमारी हस्तकला का हर तरफ बोलबाला है। बड़े - बड़े डिज़ाइनर भी अपनी डिज़ाइन में भारतीय हस्तकला का प्रयोग करते है। इस कला में से एक है अजरक प्रिंट। आज मै आपको इस प्रिंट से रूबरू कराऊंगी,   जिसको देख कर आप भी मेरी तरह अजरक प्रिंट के दीवाने हो जाएगे। जब मैंने की अजरक प्रिंट की साड़ी के लिए मॉडलिंग , यह एक अलग अनुभव था जब मुझे ये मौका मिला  फैशन वक़्त के साथ बदलता है ,लेकिन क्या कभी आपके जेहन में आता है कि मेरे वार्डरोब में वो परिधान जो मुझे कॉम्पलिमेंट तो करे ही ,साथ ही जिसका फैशन कभी आउट न हो। इस ब्लॉक प्रिंट को अजरक प्रिंट के नाम से जाना जाता है, जो गुजरात के कच्छ में बसे अज्रखपुर नामक के छोटे से गांव  में की जाती है। इसकी खासियत इसके प्राकृतिक चटख रंगों से रंगे ब्लॉक प्रिट के कपड़ें है।  अज्रख को अरबी भाषा में इंडिगो कहा जाता है, जिसका अर्थ नील का पौधा होता है। यह पौधा 1956 में कच्छ में आए भूकंप से पहले तक इलाके में हर तरफ दिखता था। लेकिन, कुछ शिल्पकारों की मानें तो...

वेंटिलेटर पर भारतीय चिकित्सा व्यवस्था: नृपेंद्र बाल्मीकि

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नृपेंद्र एक युवा और संभावनाशील पत्रकार व लेखक हैं। वो पहले भी हमारे ब्लॉग के लिए लिख चुके हैं। चिकित्सा जगत की चुनौतियों , विडंबनाओं पर उनका ये लेख बहुत से सच उजागर करता है , बहुत से सवाल उठाता है। आइये पढ़ते हैं चिकित्सा जगत के विभिन पहलुओं पर प्रकाश डालता नृपेंद्र का ये आलेख। मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भारत उन देशों में शामिल हैं जहां चिकित्सा संस्थानों की भरमार है, जहां से प्रतिवर्ष हजारों विद्यार्थी डॉक्टर बनकर निकलते हैं। संख्या के आधार भारत को एक अच्छा खासा 'मेडिकल इंस्टिट्यूशन हब' कहा जा सकता है। 2017 में दर्ज शिक्षण सस्थानों की संख्या के अनुसार भारत में 460 मेडिकल कॉलेज हैं जिनकी योग्यता MCI (भारतीय चिकित्सा परिषद) द्वारा निर्धारित की गई है। जो सालाना 63,985 विद्यार्थियों को मेडिकल शिक्षा मुहैया कराने की क्षमता रखते हैं, जहां से प्रतिवर्ष तकरीबन 50,000 विद्यार्थी डॉक्टर बनकर निकलते हैं।   टॉप 10 डेस्टिनेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन  मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में विश्व के चुनिंदा 10 ऐसे देश हैं जिन्हें बेस्ट डेस्टिनेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन के तौर पर ...

इनका अंदाज़ है इनका स्टाइल स्टेटमेंट : आर जे राशि जौहरी

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इनकी आवाज़ ही इनकी पहचान है और इनका अंदाज़ है इनका स्टाइल स्टेटमेंट। लखनऊ में रेडियो से प्यार करने वाले इनसे मोहब्बत न करें ये तो नामुमकिन है। इनकी शोख शरारती  आवाज़ और लखनऊवा स्टाइल इन्हे एक खास पहचान देता है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं रेडियो सिटी लखनऊ की आर जे राशि जौहरी की। राशि रेडियो की  दुनिया में अपनी चटपटी और मज़ेदार बातो के लिए जानी जाती हैं। इनके अंदर एक ख़ास तरह का देसीपन है। बेवजह के बनावट और फ़िज़ूल के  दिखावे से बिलकुल अलग है राशि का अंदाजे बयां । उदासी हो या अकेलापन राशि की आवाज़ आपको एक बार मुसकराने पर मजबूर कर ही देगी। रेडियो पर अपने ख़ास अंदाज़ के साथ जब वो गाने बजाती हैं तो मन के अंदर और बाहर का मौसम अपने आप खुशनुमा हो जाता है।  यही वजह है की आज राशि हर उम्र के श्रोताओं के मन को छूती हैं। हमने राशि से उनके अंदाज और उनकी पर्सनालिटी के बारे में कुछ बाते की। तो लीजिये प्रस्तुत है आर जे राशि का एक छोटा सा इंटरव्यू -     हैलो   राशि ,  हमारा   पहला   सवा   आपसे ...

कुछ अलग करने की चाह ने बनाया डिज़ाइनर

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 * रीतिका शुक्ला       क्रिएटिव लोगो की दुनिआ में सफल होने का एक मंत्र है ,और वो है " आउट ऑफ़ बॉक्स " सोचो। ये सुनने में थोड़ा सा अटपटा सा लगता है लेकिन आज मैं आपको एक ऐसी यंग डिज़ाइनर से मिलाऊगी। जिनको क्रिएटिविटी का भण्डार कहना गलत नहीं होगा। क्यूट और एनर्जेटिक यंग डिज़ाइनर का नाम जूही मल्होत्रा है। जो दिल्ली बेस्ड डिज़ाइनर है। जूही ने   2011 में  Pearl Academy से  फैशन डिज़ाइन से ग्रेजुएशन किया। और फिर मनीष अरोरा के साथ 2 साल काम किया।     फैशन स्टडीज करने से पहले से ही जूही कुछ न कुछ क्रिएटिव वर्क करती रहती थी। हमेशा से कुछ अलग करने की चाह थी और इसी सपने को साकार भी किया। 2014 में जूही ने अपना खुद का ब्रांड लांच किया और इस ब्रांड का नाम है JUHI MALHOTRA । जब मैने जूही के कलेक्शन को पहली बार देखा तो मै खुद को उनकी तारीफ करने से रोक नहीं पायी। आप जहाँ तक देखो वह कुछ नया और क्रिएटिव दिखेगा।  अगर आप अपने हैंडबैग्स बोर हो गए है  और कुछ फंकी टॉय करना चाहते है तो  JUHI MALHOTRA  के थ्रेड ...