तख्ती पर लटका हिंदी का 'एक शब्द' : नृपेन्द्र बाल्मीकि

देव संस्कृति विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढाई पूरी कर नृपेन्द्र बाल्मीकि आज हैदराबाद में वेब पोर्टल इंडी लिंक्स डाट कॉम मे मुख्य कॉपी एडिटर के पद पर कार्यरत है। शुरु से ही वह सामाजिक मुद्दो और वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर अपनी बातो को लोगो के सामने पहुंचाने का काम करते आये है। दैनिक जागरण और ईटीवी उत्तराखंड मे इंटर्नशिप से प्राप्त अनुभवो को पत्रकारिता के क्षेत्र मे लगा रहे है। वह नयी पीढी के लेखक के साथ ही अच्छे कवि भी है। आइये जानते है उनके अपने विचार भाषा के द्वंद पर हमारे ब्लॉग़ के माध्यम से भाषा इंसान की सबसे बड़ी खोज है। जिसने इंसान को उसके विचारों की अभिव्यक्ति प्रदान की है। मानव के छोटे से मस्तिष्क ने अपनी उत्पत्ति के समय से ही अभिव्यक्ति के माध्यमों की खोज शुरू कर दी थी, जिनमें भाषा सबसे खूबसूरत माध्यम मानी गई। इस छोटे मानवीय मस्तिष्क ने भाषा में भी खोज की प्रक्रिया निरंतर जारी रखी। वर्तमान में देखा जाए तो पूरे विश्व में 6909 जीवन्त भाषाएं हैं। जिनमें से 6 प्रतिशत कुछ ऐसी भाषाएं हैं जिन्हें बोलने वाले प्रत्येक के 1 मिलियन से ...