अनारकली ऑफ़ आरा:हाशिये की औरत का विद्रोह

ऐसा बहुत कम होता है की आप कोई फिल्म देख कर निकले और बहुत देर तक अपने साथ के लोगों से ये भी पूछना भूल जाएँ की कैसी लगी फिल्म? अनारकली ऑफ़ आरा देख कर कुछ ऐसा ही हुआ। फिल्म हमारी चेतना पर इस कदर हावी हो गई थी की थिएटर से निकले के बहुत देर बाद तक हम मौन रहे। इस फिल्म का असर वाकई बहुत गहरा और दूरगामी है। फिल्मों से प्यार करने वालों के साथ साथ फिल्म क्रिटिक्स के लिए भी इस फिल्म को भुला पाना आसान नहीं होगा। अपनी बहुत सारी खूबियों के चलते इस फिल्म ने हिंदी फिल्मों के इतिहास में अपना नाम एक उम्दा फिल्म के रूप में दर्ज करा लिया है। पिछले कुछ समय से फिल्मों में स्त्री विमर्श की बहुत सी कहानियां देखने को मिल रही हैं। पिंक , पार्च्ड से लेकर हाल फिलहाल रिलीज़ हुई एक बेहद कमर्शियल फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनियां भी कमोबेश इसी मुद्दे को भुनाती हुई दिखाई देती है। लेकिन अनारकली... इन सबसे अलग है। ये एक ऐसी स्त्री ...