लोग क्या सोचेंगे????
- रीतिका शुक्ला
" दुनिया का सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग?? समाज क्या कहेगा ?? अगर मैंने ऐसा किया तो लोग मेरे बारे में क्या कहेंगे ??? क्या सोचेंगे ???"….चार लोग क्या कहेगे ?? पर ये चार लोग है कौन ??
लोग क्या कहेगे ??? इस सोच ने दुनिया के बहुत सारे लोगों को सफल होने से रोक रखा है | दुनिया में ज्यादातर लोग इसी सोच के कारण सफल नहीं हो पाते ,सफलता की तो बात ही छोड़िये , वे अपने जीवन में अपने लक्ष्य की तरफ आगे भी नहीं बढ़ पाते है और ना ही कभी खुश रह पाते है , मैं भी कभी इस सोच से ग्रसित थी | बड़ी मुश्किल से मैंने इससे निजात पाया है |
कहीं आप भी तो इस तरह के सोच (रोग) से घिरे तो नहीं है पर इसके लिए डरने की कोई जरुरत नहीं है , क्योंकि इस रोग का इलाज अगर कोई कर सकता है तो , वो इन्सान खुद “आप” ही है|
अब मैं आपसे ये पूछना चाहती हूँ कि दूसरे आपको ख़राब कहते है तो आप डरते है , तो क्या आपके डरने से दूसरे आपको।ख़राब नहीं कहेंगें ??? वे तो जैसी उनकी मर्जी होगी वैसा ही कहेंगें |जो डरता है उसी को दुनिया डराती है और अगर न डरे तो भी वैसा ही कहेंगें | उनके मन में जैसी बात आएगी वे तो वैसा ही कहेंगें | क्या आपके डरने से वे आपको अच्छा कहने लग जाएंगें ??? तो फिर डरना बेकार है | लोग क्या सोचेगे?? अगर..ये भी हम सोचेंगे तो लोग क्या सोचेगे ???
आपकी लाइफ बस आपकी है ,तो खुल कर जिंदगी को जिए |

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